The Soul of

OUR HERITAGE

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हम कौन हैं? (Who We Are)

'ठिकाना कसुम्बी' (Fort Kasumbi) के संरक्षक और सूर्यवंशी राठौड़ वंश की केशरी सिंघोत शाखा के वंशज हैं। हमारी पहचान केवल पत्थरों से बने गढ़ या जागीर से नहीं, बल्कि उन मूल्यों (Values) से है जो हमारे पूर्वजों ने अपने रक्त से सींचे हैं।

सन् 1841 ई. में ठाकुर नारायण सिंह जी द्वारा स्थापित यह ठिकाना, वीरता, भक्ति और त्याग का साक्षी रहा है। जोधपुर दरबार की वफादारी और अपनी प्रजा की रक्षा हमारा परम धर्म रहा है। आज, हम उसी विरासत के आधुनिक प्रहरी (Guardians) हैं।

उद्देश्य (Mission)

समय की धूल में अक्सर इतिहास धुंधला हो जाता है। इस वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य 'डिजिटल संरक्षण' है। हम अपने बुजुर्गों के बलिदान, वंशावली और परंपराओं को इंटरनेट पर अमर करना चाहते हैं ताकि दुनिया के किसी भी कोने में बैठा हमारा भाई-बंधु अपनी जड़ों से जुड़ा रहे।

दृष्टिकोण (Vision)

हमारा सपना एक ऐसे समाज का है जो 'आधुनिक' होते हुए भी 'संस्कारी' हो। हम चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ (Next Generation) यह जानें कि उनके पूर्वज कौन थे, ताकि वे गर्व के साथ सिर उठा सकें और समाज में एक आदर्श नागरिक बन सकें।

मूल्य (Values)

हमारी विरासत हमें सिखाती है कि असली राजपुताना शान महलों में नहीं, बल्कि चरित्र (Character) में होती है।
सेवा, वचन और स्वाभिमान—यही कसुमलगढ़ का मूल मंत्र है।

|| समाज के लिए संदेश ||

"वृक्ष वही हरा रहता है, जिसकी जड़ें गहरी हों।
हमारा अतीत हमें बांधने के लिए नहीं, बल्कि हमें मजबूत बनाने के लिए है।
आइए, हम अपनी विरासत (Heritage) को केवल 'प्रदर्शन' की वस्तु न समझें,
बल्कि इसके वीरता और त्याग के गुणों को अपने जीवन में उतारें।
एक-दूसरे का सहयोग करें, बड़ों का सम्मान करें और धर्म की रक्षा करें।"

— युवराज गजराज सिंह (कसुमलगढ़)